जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत
जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत
इंसान से खुशियां छीन लेती है
जिंदगी की इस सफर में
हम सब एक मुसाफिर है
इस जिंदगी की सफर को हम
जिंदादिली से जी लें,यही तो समझदारी है।
बीते हुए कल और आने वाले कल का
चिंता छोड़ वर्तमान में जी लें
जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत
इंसान से खुशियां छीन लेती है।
ये मानव जीवन है अनमोल
इसें व्यर्थ नही गंवाना है
दुर्गुणों की दीवारों को
गुणों के वार से तोड़ना है।
अपने जीवन की बगियां को
अपने ही हाथों से ही सजाना है
जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत
इंसान से खुशियां छीन लेती है।
कुछ भी नही है पास मेरे
ऐसा मत कहना तुम, अपने जीवन में
दुःखो को खुशियों में बदलने की
शक्ति है तुम्हारें अंदर में।
क्या कमी रह गई है अपने जिंदगी में
पहचानों इसें और दुर्गुणों को दूर करों
जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत
इंसान से खुशियां छीन लेती है।
नूतन लाल साहू
Mohammed urooj khan
12-Oct-2023 11:25 PM
👌👌👌
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RISHITA
12-Oct-2023 10:47 AM
True words
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